राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 (अध्याय 2 वार्ड सभा) | Rajasthan Panchayati Raj Act 1994 in Hindi (Chapter 2 Ward Sabha)

Rajasthan Panchayati Raj Act,1994 in Hindi  

अध्याय 2

*[वार्ड सभा]


3. वार्ड सभा और उसकी बैठकें

(1) धारा 12 की उप-धारा (2) के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित पंचायत के प्रत्येक वार्ड में एक वार्ड सभा होगी जिसमें एक होगा। पंचायत सर्कल में वार्ड के वयस्क व्यक्ति।

(2) प्रत्येक वर्ष वार्ड सभा की कम से कम दो बैठकें होंगी, वित्तीय वर्ष की प्रत्येक छमाही में एक:

बशर्ते कि वार्ड सभा के सदस्यों की कुल संख्या के दसवें से अधिक सदस्यों द्वारा लिखित रूप में मांगे जाने पर या यदि पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद या राज्य सरकार द्वारा आवश्यक हो तो वार्ड सभा की बैठक आयोजित की जाएगी। ऐसी मांग या आवश्यकता के पन्द्रह दिनों के भीतर।

(3) वार्ड सभा की समस्त बैठक में कोई भी विषय जिसे पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद्, राज्य सरकार या इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी रखना अपेक्षित हो, भी रखा जायेगा।

(4) वार्ड सभा इस धारा के तहत अपने समक्ष रखे गए मामलों पर चर्चा करने के लिए स्वतंत्र होगी और पंचायत वार्ड सभा द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करेगी।

(5) समेकित पंचायत समिति के विकास अधिकारी या उनके नामिती वार्ड सभा की बैठकों में भाग लेंगे। वह वार्ड पंच के परामर्श से वार्ड सभा की बैठक बुलाने और ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त की सही रिकॉर्डिंग के लिए जिम्मेदार होगा। इस प्रकार दर्ज किए गए कार्यवृत्त की एक प्रति इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्राधिकारियों को निर्धारित तरीके से भेजी जाएगी। बैठक के अंत में कार्यवृत्त को पढ़ा जाएगा और उपस्थित वार्ड सभा के सदस्यों द्वारा अनुमोदित और गाया जाएगा।]

 

4. कोरम – [वार्ड सभा] की बैठक के लिए गणपूर्ति [सदस्यों की कुल संख्या का दसवां हिस्सा होगा जिसमें से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला सदस्य उनकी जनसंख्या के अनुपात में होंगे।]

[xxx xxx xxx]

                                                                                                                 

5. पीठासीन अधिकारी – वार्ड सभा की बैठक की अध्यक्षता पंच द्वारा या उसकी अनुपस्थिति में बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुमत द्वारा इस उद्देश्य के लिए चुने जाने वाले वार्ड सभा के सदस्य द्वारा की जाएगी।]

 

6. संकल्प – इस अधिनियम के तहत [वार्ड सभा] को सौंपे गए मामलों से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को [वार्ड सभा] की बैठक में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से पारित करना होगा।

 

7. वार्ड सभा के कार्य – वार्ड सभा निम्नलिखित कार्य करेगी:-

(ए) विकास योजनाओं के निर्माण के लिए आवश्यक विवरण के संग्रह और संकलन में पंचायत को सहायता प्रदान करना;

(बी) वार्ड सभा के क्षेत्र में लागू की जाने वाली विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रस्तावों को इकट्ठा करना और प्राथमिकता तय करना;

(सी) वार्ड सभा के क्षेत्र से संबंधित विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए प्राथमिकता के क्रम में लाभार्थियों की पहचान;

(डी) विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करना;

(ई) सार्वजनिक उपयोगिताओं, सुविधाओं और सेवाओं जैसे स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक जल-सार्वजनिक कुओं, सार्वजनिक तृप्ति इकाइयों, सिंचाई सुविधाओं आदि के स्थान का सुझाव देना;

(च) स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण की रोकथाम, सामाजिक बुराइयों से बचाव आदि जैसे जनहित के मामलों पर योजनाएं बनाना और जागरूकता प्रदान करना;

(छ) लोगों के विभिन्न समूहों के बीच सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना;

(ज) सरकार से विभिन्न प्रकार की कल्याण सहायता जैसे पेंशन और सब्सिडी प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की पात्रता का सत्यापन करना;

(i) वार्ड सभा के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रस्तावित कार्यों के विस्तृत अनुमानों की जानकारी प्राप्त करना, वार्ड सभा के क्षेत्र में कार्यान्वित सभी कार्यों में सामाजिक अंकेक्षण करना और ऐसे कार्यों के लिए उपयोग और पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान करना;

(जे) संबंधित अधिकारियों से वार्ड सभा के क्षेत्र में उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं और उनके द्वारा प्रस्तावित कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करना;

(के) क्षेत्र में अभिभावक-शिक्षक संघों की सक्रियता में सहायता करना;

(ठ) साक्षरता, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल देखभाल और पोषण को बढ़ावा देना;

(एम) सभी सामाजिक क्षेत्रों में संस्थानों और पदाधिकारियों पर जांच करना; तथा

(ढ) ऐसे अन्य कार्य जो समय-समय पर विहित किए जाएं।]

*[अधिनियम संख्या 9(2000) द्वारा  धारा 3 से 7  प्रतिस्थापित, राजपत्र भाग 4(क) दिनांक 03.05.2000 को प्रकाशित एवम् 06.01.2000 से प्रभावी]

*[8. सतर्कता समिति – हटायी  गई]

*[अधिनियम संख्या 9(2000) द्वारा  धारा 8  हटायी  गई , राजपत्र भाग 4(क) दिनांक 03.05.2000 को प्रकाशित एवम् 06.01.2000 से प्रभावी]

 

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