स्वामित्व योजना के मैप 2.0 व प्रॉपर्टी कार्ड में संशोधन सम्बन्धी क्या प्रक्रिया होगी | PM Swamitva Yojana Map 2.0

स्वामित्व योजना के मैप 2.0 व प्रॉपर्टी कार्ड में संशोधन सम्बन्धी क्या प्रक्रिया होगी

PM Swamitva Yojana Map 2.0

PM Swamitva Yojana Map 2.0: स्वामित्व योजना के मैप 2.0 व प्रॉपर्टी कार्ड में संशोधन सम्बन्धी क्या प्रक्रिया होगी- स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों को आबादी क्षेत्र में स्थित उनकी संपत्ति का अधिकार अभिलेख (प्रॉपर्टी कार्ड) उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वे अपनी संपत्ति को बैंकों से ऋण लेने एवं अन्य वित्तीय लाभ के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में उपयोग ले सकें।

भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस (24 अप्रैल 2020) के अवसर पर राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयासो से ग्राम पंचायतों की आबादी भूमि में स्थित संपत्ति का मालिकाना हक दिलवाने के लिए स्वामित्व योजना योजना शुरू की गई है।

स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) का क्रियांवयन पंचायती राज विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। इस योजना के तहत भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा (SOI) सभी गांवों के आबादी क्षेत्रों का डिजिटल मानचित्र तैयार कर सम्बन्धित ग्राम पंचायत को सौंपा जायेगा। गांवों के आबादी क्षेत्रों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण का कार्य पूरा होने पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत द्वारा स्वामित्वधारियों को पंचायती राज नियमों के तहत उनके स्वामित्व की आबादी भूमि का विधिक दस्तावेज (पट्टा, विक्रय विलेख पत्र आदि) भौतिक रूप से देने के साथ उस दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजी जायेगी।

स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) के क्रियान्वयन हेतु MAP 2.0 सम्बन्धी संपूर्ण प्रक्रिया निम्न चरणों में होगी-

मैप 2.0

1. मैप 2.0:- आईडी रिनम्बरिंग किये हुये संशोधित मैप 1.0 एवं संलग्न सर्वे प्रपत्र/सूचियों के अनुसार भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ईमेज मैप 1.0 को फिर से सर्वे रिपोर्ट /सूची के आधार पर रिनम्बर किया जाकर पुनः यह MAP 2.0 के रूप में पंचायत को भेजा जायेगा। इस मैप 2.0 के साथ सॉफ्ट कॉपी के रूप में मैप 2.0, प्रॉपर्टी कार्ड एवं सर्वे सूचि (एक्सेल शीट) होगी। (देखें चित्र क, ख, ग )


चित्र क (मैप 2.0)


चित्र ख (सर्वे प्रपत्र)

चित्र ग (प्रॉपर्टी कार्ड)

                                                         पटवारी रिपोर्ट

2. पटवारी रिपोर्ट:- प्राप्त मैप 2.0 की आबादी की बाहरी लाइन (लाल डोरा) सही होने के प्रमाण के रूप में संबंधित पटवार हल्का के मैप 2.0 पर  अपनी रिपोर्ट  के साथ हस्ताक्षर करवाने होंगे। 

रिपोर्ट के लिए निम्न प्रारूप काम में लिया जा सकता है- 

मैप 2.0 पर पटवारी द्वारा की जाने वाली रिपोर्ट का प्रारूप 

प्रमाणित किया जाता है कि मेरे द्वारा ग्राम…………………के इस मैप 2.0 का अवलोकन  कर लिया गया है। इस मैप 2.0 में आबादी भूमि के खसरा नंबर……..,………,………क्रमशः रकबा ………,………..,……….की भूमि सम्मिलित हैअब इस मैप 2.0 की बाहरी सीमाओं में किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता नहीं है।                                                                

                                                                                                                                  हस्ताक्षर                                                                                                                                                          पटवार हल्का…………… 
                                                                                                                           
यदि आबादी की बाहरी लाइन (लाल डोरा) में किसी प्रकार का संशोधन अपेक्षित हो तो मैप 1.0 के समय किये गए संशोधन की तरह संशोधन किया जाकर पटवार हल्का की उक्तानुसार टिप्पणी ली जाए। 

3. ग्राम स्तरीय सर्वे समिति के हस्ताक्षर:- चस्पा किये जाने से पूर्व सर्वे सूचि (एक्सेल शीट) एवं मैप 2.0 पर सरपंच व ग्राम स्तरीय सर्वे समिति के भी हस्ताक्षर करवाएं जाएं। सर्वे सूची एवं प्रॉपर्टी कार्ड का प्रिंट लेकर फाइल करना है। 

आपत्ति नोटिस

4. आपत्ति नोटिस:- ग्राम पंचायत द्वारा सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त उक्त ईमेज मैप 2.0 एवं सर्वे प्रपत्र /सूचियों की एक प्रति पंचायत भवन पर चस्पा की जायेगी तथा एक प्रति सम्बन्धित राजस्व ग्राम के किसी सहज दृश्य सार्वजनिक स्थल पर भी चस्पा की जाकर, आपत्ति नोटिस  जारी किया जायेगा कि मैप वाले सम्बन्धित ग्राम के समस्त पक्षकार इसका अवलोकन कर लें तथा यदि उन्हें इस सम्बन्ध में कोई आपत्ति है तो निर्धारित समयावधि (जोकि स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन की समयावधि में पट्टा वितरण हेतु राजस्थान पंचायती राज नियम, 1998 के नियम-148 के परन्तुक के प्रावधानानुसार 07 दिवस की होगी) में पंचायत को लिखित में प्रस्तुत कर दें। 

आपत्ति नोटिस चस्पा करने के प्रमाण स्वरूप दो गवाहों के हस्ताक्षर भी नोटिस पर करवाएं जाएं। 

आपत्ति नोटिस जारी करने हेतु निम्न प्रारूप उपयोग में लिया जा सकता है-


चित्र घ (आपत्ति नोटिस) 

आपत्तियों की सुनवाई

5. आपत्तियों की सुनवाई:- यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो संबंधित पक्षों को सुनवाई का अवसर देते हुए आपत्ति का निस्तारण किया जाये। संबंधित पक्षों को सुनवाई का अवसर देने हेतु नोटिस जारी किया जाना चाहिए।  

नोटिस के लिए निम्न प्रारूप काम में लिया जा सकता है-(देखें चित्र , च)

चित्र ङ (सुनवाई नोटिस )

चित्र च (सुनवाई नोटिस)

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आपत्तियों का निस्तारण

6. आपत्तियों का निस्तारण:- सुनवाई का अवसर देने के पश्चात निस्तारण हेतु संबंधित पक्ष/पक्षों से प्राप्त सहमति या असहमति का अंकन लिखित रूप में किया जाए एवं दोनों पक्षों के हस्ताक्षर/ अंगूंठा निशानी लिए जाएं।  आपत्तियों का निस्तारण पंचायत द्वारा साधारण सभा (ग्राम पंचायत बैठक) का आयोजन कर ही किया जायेगा ।

ग्राम पंचायत बैठक में प्रस्ताव / निर्णय हेतु निम्न प्रारूप उपयोग में लिया जा सकता है-(देखें चित्र छः, ज )

चित्र छः (पंचायत अनुमोदन)


चित्र ज (पंचायत अनुमोदन)

विशेष ग्रामसभा


7 . विशेष ग्रामसभा:- प्राप्त सभी आपत्तियों का निराकरण करने के पश्चात् ग्राम पंचायत द्वारा विशेष ग्रामसभा का आयोजन कर, ग्राम पंचायत की साधारण सभा (ग्राम पंचायत बैठक) द्वारा लिये गए निर्णयों की जानकारी दी जायेगी तथा ग्रामसभा द्वारा इस कार्यवाही का अनुमोदन होने के पश्चात् बिन्दु सं0 7 के अनुसार भारतीय सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त ईमेज मैप 2.0 एवं सर्वे प्रपत्र / सूचियों में उपरोक्तानुसार यदि कोई संशोधन किया जाना अपेक्षित हो तो उसके अनुरूप संशोधन कर, इमेज मैप 2.0 एवं सूचियां पुनः भारतीय सर्वेक्षण विभाग को प्रेषित की जायेगी।

जिन मैप 2.0 एवं प्रोपर्टी/ ईमेज आईडी पर कोई संशोधन अपेक्षित नहीं है उनको भारतीय सर्वेक्षण विभाग को प्रेषित नहीं किया जाना है। उनका वितरण किया जाना है।  

ग्राम सभा में लिए जाने हेतु प्रस्ताव का निम्न प्रारूप काम में लिया जा सकता है-

चित्र झ (ग्राम सभा अनुमोदन)

संलग्न किये जाने वाले दस्तावेज

9 . संलग्न किये जाने वाले दस्तावेज:मैप 2.0 के साथ निम्न दस्तावेज जमा कराने होंगे-

(I) संशोधन किया गया मैप 2.0 की एक प्रति जिस पर हल्का पटवारी, सरपंच एवं ग्राम स्तरीय सर्वे समिति के हस्ताक्षर हों। 

(II)संशोधन की गई सर्वे सूचि (सॉफ्ट एवं हार्ड कॉपी) एवं सभी प्रॉपर्टी पार्सल जिन पर सरपंच एवं ग्राम स्तरीय सर्वे समिति के हस्ताक्षर हों। 

(III)आपत्ति नोटिस की प्रति जिस पर चस्पा के प्रमाण स्वरूप गवाहों के हस्ताक्षर एवं चस्पा के फोटोग्राफ हों। 

(IV)यदि आपत्तियां प्राप्त नहीं हुई हों एवं कोई संशोधन भी अपेक्षित नही है तो निर्धारित प्रपत्र में  ग्राम पंचायत बैठक एवं ग्राम सभा बैठक में लिये गये प्रस्तावों की प्रतियां। 

(V)यदि आपत्तियां प्राप्त हुई हों तो प्राप्त आपत्तियां, उनके निस्तारण की सूचि, ग्राम पंचायत बैठक एवम ग्राम सभा में लिए गये प्रस्तावों की प्रतियां। 

अंतिम कार्य

10. अंतिम कार्य:- आईडी रिनम्बरिंग किये हुये संशोधित मैप 2.0 एवं संलग्न सर्वे प्रपत्र/सूचियों के अनुसार भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ईमेज मैप 2.0 को फिर से सर्वे रिपोर्ट /सूची के आधार पर रिनम्बर किया जाकर पुनः यह 2.1 के रूप में पंचायत को भेजा जायेगा। इस मैप 2.1 के साथ सॉफ्ट कॉपी के रूप में मैप 2.0, प्रॉपर्टी कार्ड एवं सर्वे सूचि (एक्सेल शीट) होगी। यह अंतिम होगा। इसके पश्चात ग्राम पंचायत द्वारा स्वामित्वधारियों को पंचायती राज नियमों के तहत उनके स्वामित्व की आबादी भूमि का विधिक दस्तावेज (पट्टा, विक्रय विलेख पत्र आदि) एवं प्रॉपर्टी कार्ड भौतिक रूप से देने के साथ उस दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजी जायेगी।
टिप्पणी:- मैप 2.0 में किये जाने वाले संशोधनों की प्रक्रिया लगभग वही होगी जो मैप 1.0 के लिए की गई थी। अतः पढ़ने के लिए निम्न पर क्लिक करें 

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